Bali phlwan

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थोड़े थक से गए हैं हम




*मेरी बहन (आलिया खान) को समर्पित*

थोड़े थक से गए हैं 
थोड़े सहम से गए हैं 
थोड़े डर भी गए हैं 
वक़्त के साथ थोड़े ढल भी गए हैं,
जरूरत से ज्यादा बेमिसाल थे तुम, 
थोड़े सांवले थे, पर कमाल थे तुम
तुम होते ना प्रिय
तुम्हारी गोद में सर रखकर 
सब बातें कह जाते हम 
तुमसे सब बतलाते हम 
डर लगता हैं अब हमें 
अब नहीं सही जाती 
किसी से कुछ बात नही कही जाती 
बस अब तो तुम्हारी याद है आती,
हमें भी तुम्हारे पास बुलाओ ना प्रिय
हमको गले से लगाओ ना प्रिय
अब और हमको तड़पाओ ना प्रिय
हमको गुड़िया कहकर बुलाओ ना प्रिय
हमको गले से लगाओ ना प्रिय।


बाली फ

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5 Comments

Swati chourasia

28-Mar-2022 06:52 PM

बहुत सुंदर 👌👌

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Dr. Arpita Agrawal

28-Mar-2022 06:20 AM

बहुत सुंदर 👌

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Abhinav ji

27-Mar-2022 11:55 PM

Nice👍

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